बीकानेर, राजस्थान (25 सितंबर 2025) — प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज राजस्थान में अवादा ग्रुप की दो महत्वाकांक्षी स्वच्छ ऊर्जा परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण किया। इनमें 1560 मेगावाट पीक सौर ऊर्जा व 2500 मेगावाट-ऑवर बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणाली (बीईएसएस) परियोजना शामिल है, जो देश की अब तक की सबसे बड़ी बीईएसएस होगी। इसके साथ ही श्री डूंगरगढ़ में 200 मेगावाट (282 मेगावाट पीक) सौर ऊर्जा परियोजना का लोकार्पण भी किया गया।

दोनों परियोजनाओं में कुल 9,200 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश हुआ है। पूगल स्थित 4000 एकड़ में फैली संयुक्त सौर-बीईएसएस परियोजना से धूप न होने पर भी बिजली आपूर्ति संभव होगी, जिससे ग्रिड की विश्वसनीयता और हरित ऊर्जा की उपलब्धता बढ़ेगी। वहीं 777 एकड़ में फैली डूंगरगढ़ परियोजना राज्य की डिस्कॉम को स्वच्छ और किफायती बिजली उपलब्ध कराएगी। दोनों संयंत्र ‘मेक इन इंडिया’ टॉपकॉन एन-टाइप बाइफेसियल सोलर मॉड्यूल पर आधारित हैं।
परियोजनाओं से 1600 से अधिक हरित रोजगार सृजित होंगे, सालाना 20 लाख टन कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन कम होगा और 600 लाख लीटर पानी की बचत होगी।
केंद्रीय ऊर्जा मंत्री प्रल्हाद जोशी ने कहा कि “यह परियोजना भारत की हरित ऊर्जा यात्रा में ऐतिहासिक मील का पत्थर है और चौबीसों घंटे स्वच्छ बिजली उपलब्ध कराएगी।” मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने अवादा ग्रुप को तेज़ी से निवेश साकार करने और रोजगार सृजन के लिए धन्यवाद दिया।
अवादा समूह के चेयरमैन विनीत मित्तल ने कहा कि “ये परियोजनाएँ भारत के हरित भविष्य में निवेश हैं और राजस्थान इस यात्रा का केंद्र है।”
अवादा समूह की पहले से ही राजस्थान में 2.2 गीगावाट क्षमता कार्यरत है और पूरे भारत में 5.7 गीगावाटपीक पोर्टफोलियो है। ये नई परियोजनाएँ देश के ऊर्जा स्वतंत्रता और सतत विकास के लक्ष्य को मजबूत करेंगी।