तिरुपति (आंध्र प्रदेश): आंध्र प्रदेश में अब अनोखा नियम लागू होगाा। अभी तक जनसंख्या पर लगाम लगाने के लिए कम बच्चे पैदा करने की नीतियां अपनाई जा रही थीं। लेकिन आंध्र प्रदेश में अब ज्यादा बच्चे पैदा करने पर जोर दिया जा रहा है। खुद मुख्यमंत्री एन.चंद्रबाबू नायडू ने कहा कि कोई व्यक्ति सरपंच, नगरपालिका का पार्षद या महापौर तभी बन सकता है, जब उसके दो से अधिक बच्चे हों। उन्होंने संकेत दिया कि इससे जनसंख्या में गिरावट को रोका जा सकेगा। नायडू ने कहा कि वह लोगों को अधिक बच्चे पैदा करने के लिए प्रोत्साहित करने के संबंध में नीतियां लाएंगे। उन्होंने हाल में यहां नरवरिपल्ले में संवाददाताओं से कहा, ‘‘एक समय था जब अधिक बच्चों वाले व्यक्तियों को पंचायत (चुनाव) या स्थानीय निकाय चुनाव लड़ने की अनुमति नहीं थी। अब मैं यह कह रहा हूं कि कम बच्चों वाले व्यक्ति चुनाव नहीं लड़ सकते। आप सरपंच, नगर पार्षद, निगम अध्यक्ष या महापौर तभी बनेंगे जब आपके दो से अधिक बच्चे होंगे।’’ मुख्यमंत्री के अनुसार, उत्तर भारत लगभग 15 वर्षों में स्थिर प्रजनन दर का लाभ खो सकता है।
डबल इनकम नो किड्स की अवधारणा चिंताजनक
तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) प्रमुख ने कहा कि पुरानी पीढ़ी के लोग अधिक बच्चे पैदा करते थे, जबकि वर्तमान पीढ़ी ने इसे घटाकर एक बच्चा कर दिया है। उन्होंने इस बात को भी रेखांकित किया कि आजकल कुछ ‘स्मार्ट’ लोग डबल इनकम नो किड्स (डीआईएनके) अवधारणा को अपना रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘आपके माता-पिता ने चार से पांच बच्चे पैदा किए और आपने उन्हें घटाकर एक कर दिया। अब और भी समझदार लोग कह रहे हैं कि दोहरी आय, कोई बच्चा नहीं, हमें मौज-मस्ती करने दो। अगर उनके माता-पिता ने उनकी तरह सोचा होता, तो आप इस दुनिया में नहीं आते।’’