राजस्थान में विधायक निधि से जुड़े कथित भ्रष्टाचार को लेकर सामने आए स्टिंग ऑपरेशन के बाद भजनलाल सरकार ने पहली बड़ी कार्रवाई की है। नागौर और करौली जिलों में विधायक निधि के तहत कराए गए कार्यों में अनियमितताओं और कमीशन मांगने के आरोपों के चलते दो वरिष्ठ शिक्षा अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है।
नागौर में एसीबीईओ पर कार्रवाई
शिक्षा विभाग के आदेश के अनुसार, नागौर जिले के मूंडवा क्षेत्र में तैनात एसीबीईओ एवं कार्यवाहक मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी कैलाश राम पर विधायक निधि से स्वीकृत कार्यों के बदले कमीशन और सामग्री की मांग करने के गंभीर आरोप लगे थे। इस संबंध में स्थानीय मीडिया में प्रकाशित खबरों के आधार पर विभाग ने कार्रवाई की।
विभाग का कहना है कि संबंधित अधिकारी के आचरण से सरकारी सेवा की गरिमा और शिक्षा विभाग की छवि को नुकसान पहुंचा है, जो कि लोकसेवक आचरण नियमों का उल्लंघन है। निलंबन के साथ ही कैलाश राम को जिला शिक्षा अधिकारी (माध्यमिक) बांसवाड़ा के मुख्यालय से संबद्ध किया गया है। निलंबन अवधि में उन्हें नियमानुसार निर्वाह भत्ता दिया जाएगा।

करौली के डीईओ पर भी गिरी गाज
इसी मामले से जुड़ी कार्रवाई में करौली जिले के जिला शिक्षा अधिकारी (प्राथमिक शिक्षा–मुख्यालय) पुष्पेन्द्र कुमार शर्मा को भी राजस्थान सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियम, 1958 के तहत अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू करते हुए तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है।
निलंबन अवधि के दौरान उनका मुख्यालय निदेशक, माध्यमिक शिक्षा, राजस्थान बीकानेर निर्धारित किया गया है। साथ ही शिक्षा विभाग ने उन्हें “पदस्थापन आदेशों की प्रतीक्षा” में रखने से संबंधित पूर्व आदेश को भी रद्द कर दिया है।
स्टिंग ऑपरेशन के बाद गरमाया सियासी माहौल
गौरतलब है कि विधायक निधि में कथित कमीशनखोरी को लेकर सामने आए स्टिंग ऑपरेशन के वीडियो में खींवसर से बीजेपी विधायक रेवंत राम डांगा का नाम सामने आया था। वीडियो में कमीशन को लेकर बातचीत का दावा किया गया था। हालांकि, मामले के तूल पकड़ने के बाद विधायक डांगा ने आरोपों को पूरी तरह निराधार और भ्रामक बताया।
उन्होंने सफाई देते हुए कहा कि संबंधित व्यक्ति कई बार उनके पास आया था और स्वीकृति को लेकर बात कर रहा था, लेकिन उन्होंने हर बार स्पष्ट रूप से इनकार किया। विधायक के अनुसार, विधायक निधि से होने वाले कार्य ग्रामीणों की मांग और स्थानीय जनप्रतिनिधियों से विचार-विमर्श के बाद ही स्वीकृत किए जाते हैं।
अन्य विधायकों के नाम भी आए सामने
इस स्टिंग ऑपरेशन से जुड़े वीडियो में खींवसर विधायक के अलावा हिंडौन से कांग्रेस विधायक अनीता जाटव और बयाना (भरतपुर) से निर्दलीय विधायक ऋतु बनावत का नाम भी सामने आया था। विधायक निधि में भ्रष्टाचार को लेकर इन वीडियो के आधार पर समाचार पत्रों में खबरें प्रकाशित हुई थीं।
सरकार की इस कार्रवाई को भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त संदेश के रूप में देखा जा रहा है। आगे इस मामले में और जांच व कार्रवाई की संभावना जताई जा रही है।
