कोटा: राजस्थान के कोटा शहर में देशभर के बच्चे अपना भविष्य बनाने आते हैं. लेकिन सपने पूरा ना होने पर वो ऐसे कदम उठा लेते हैं, जिससे उकना परिवार हमेशा के लिए मातम में डूब जाता है. कोटा में बढ़ते आत्महत्या के मामलों के चलते अब शहर के हॉस्टल्स में एंटी हैंगिंग डिवाइस लगाए जाएंगे.
राजस्थान का कोटा शहर एक ऐसा शहर जिसका नाम सुनते ही हमारे सामने भविष्य को संवारने की तस्वीर उभरती है. जहां पर एक युवा छात्र अपने सपनो को पूरा करने के लिए यहां आता है. ऐसा कहा जाता है कि ये शहर मेडिकल और इंजीनियरिंग करने वाले छात्रों को उनकी मन्जिल तक लेकर जाता है. ऐसे ही अपने सुनहरे सपने संजोए लाखों युवा छात्र शिक्षा की काशी कहे जाने वाले कोटा में आते है. लेकिन इन लाखों छात्रों में से कुछ छात्र हो जाते है एक ऐसे अनचाहे दवाब का शिकार,और बन जाते है मौत का शिकार. अपने सपनो को पूरा करने की इस दौड़ में पिछड़ जाते है और मौत को गले लगा लेते है और खुदकुशी कर लेते है.
कोचिंग छात्रों की इस खुदकुशी के बढ़ते आंकड़ों पर कई बार प्रशासन और सरकार ने मंथन किया कि आखिर ये छात्र क्यों आत्महत्या कर रहे है,,और इन्हें कैसे रोका जाए. ऐसे में अब कोटा जिला कलेक्टर ने निर्देश जारी किए है कि अब हर हॉस्टल और कमरों में पंखों पर एंटी हैंगिग डिवाइस लगानी होगी,,ताकि उस पर जब भी कोई लटकेगा तो पंखा टूटकर नीचे गिर जाएगा और कोई उससे लटक नही पायेगा. ये अनोखा डिवाइस है जो मुंबई की एक कंपनी द्वारा बनाया जा रहा है. बेहद आसानी से इस डिवाइस को पंखे में अटैच कर दिया जाता है ,,कर बस फिर ये अपना काम करने के लिए हो जाती है तैयार.
खुदखुशी के आंकड़ों के बाद प्रशाशन अलर्ट, अगस्त माह में 22 छात्रों ने किया सुसाइड
हाल ही में कोटा में हुए कोचिंग छात्रों के आत्महत्या के मामलो ने शिक्षा नगरी को झकझोर किया है. बीते कुछ सालों के मुकाबले इस साल अगस्त माह तक कुल 22 छात्रों ने सुसाइड कर लिया है. इनमे अधिकतर छात्रों के सुसाइड के पीछे की वजह पढाई में तनाव सामने आया है. ऐसे में अब जिला प्रशासन ने छात्रों के सुसाइड को रोकने के लिए हॉस्टल और पीजी के कमरो में स्प्रिंग डिवाइस लागने के निर्देश दे दिए है. इसका डेमो भी कम्पनी के कर्मचारी ने दिखाया है. हॉस्टल संचालको का कहना है कि अगर उनके हॉस्टल में पढने वाले छात्र में स्ट्रेस दिखता है तो उससे बात की जाती है उसकी समस्याओं को सुना जाता है साथ ही परिजनो से भी छात्र के तनाव के बारे में बात की जाती है.
कितनी कारगर एंटी हैंगिंग डिवाइस
हालाकिं छात्रों के खुदकुशी करने के आंकड़ों को रोकने मैं ये डिवाइस कितनी कारगर साबित होगी, ये कह पाना तो मुश्किल है लेकिन इतना जरूर है कि कम से कम अब कोई छात्र कमरे में पंखे से नही लटक पायेगा. ऐसे में खुदकुशी के मामलों में कुछ कमी आने की उम्मीद जरूर है,,क्योंकि तनाव में चल रहे छात्र को सबसे आसानी से उसके कमरे में लगा पंखा उपलब्ध हो जाता है, खुदकुशी करने के लिए. जो अब उसे नही मिल पाएगा. क्योंकि एक्सपर्ट के मुताबिक भी स्ट्रेस के समय एक फेज ऐसा होता है जब किसी व्यक्ति में सुसाइडल टेंडेंसी डेवेलोप हो जाती है, और यदि एक बार वो फेज निकल जाए तो इंसान की जान बच सकती है.
कोटा में 12 बडे कोचिंग इंस्टीट्यूट
अगर कोटा के कारोबार की बात की जाए, तो कोटा में करीब 12 बडे कोचिंग इंस्टीट्यूट है जो मेडिकल और इंजीनियरिंग एट्रेंस की तैयारी करवाते है. इसके साथ ही 55 छोटे इंस्टीट्यूट भी है जिसमें छात्र पढाई करा रहे है. हर साल एक छात्र पर रहने और खाने का खर्च का अनुमानित लागत 2 लाख से 2.50 लाख होता है. कोटा में 2 लाख से अधिक छात्र दूसरे राज्यों से आते है और हर साल ढाई लाख से अधिक स्टूडंेट्स अपने सपनो को लेकर कोटा आते है. एक अनुमान ये भी कहता है कि भारत में 23 आईआईटी में 17385 सीट है. 32 एनआईटी है जिसमें 23954 सीट है. लेकिन इसकी तैयारी और परिक्षा देने वाले छात्रों की संख्या लगातार बढती जा रही है.