(राजस्थान का चिकित्सा महकमा अलर्ट )
नई दिल्ली : पूरी दुनिया ने कोरोना वायरस के प्रकोप से उबर ही रही है कि इस बीच चीन में एक रहस्यमय बीमारी ने सबको टेंशन में ला दिया है। इन दिनों चीन नें सांस से जुड़ी रहस्यमय बीमारी के बारे में पता चला है। वहां बड़े पैमाने पर बच्चों को निमोनिया हो रहा है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार चीन के अस्पतालों में लंबी लाइन लग रही है।
विश्व में कोरोना वायरस के बाद एक बार फिर चीन से ही एक और रहस्यमयी वायरस नई चुनौती के रूप में सामने आया है. चीन में बच्चों में फैल रही इस रहस्यमयी बीमारी से मुकाबला करने के लिए राजस्थान का चिकित्सा महकमा भी पूरी तरह से अलर्ट मोड पर आ गया है. इसको लेकर पूरे राजस्थान में अलर्ट जारी किया गया है, इसी के तहत बुधवार को भी जिला अस्पताल में इस बीमारी से निपटने के लिए एक मॉक ड्रिल की गई.
जोधपुर के मथुरादास माथुर अस्पताल के सुप्रिडेंट डॉ. विकास राजपुरोहित ने बताया कि ‘इस बीमारी को लेकर चिकित्सा विभाग पूरी तरह से मुस्तैद है. बीते दिन अस्पताल में ऑक्सीजन व्यवस्था को भी जांचा गया, इसी के साथ ही बेड व्यवस्था भी परखी गई. राजपुरोहित ने बताया कि इस बीमारी से डरने की आवश्यकता नहीं है, बल्कि सतर्क रहने की जरूरत है.
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- क्या है चीन की नई बीमारी की लक्षण
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक चीन में फैल रही इस बीमारी के लक्षण निमोनिया जैसे ही हैं। ये बीमारी खासतौर पर बच्चों को अपना शिकार बना रही है। बच्चों को बुखार, खांसी और सांस लेने में परेशानी हो रही है। अस्पतालों में इन लक्षण वाले बच्चों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। जानकारी के अनुसार कई गंभीर मामले भी सामने आए हैं, जिन्हें अस्पताल में एडमिट करने की नौबत आ रही है। - WHO भी एक्शन में
चीन में फैल रही इस बीमारी को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) भी एक्शन में आ गया है। WHO ने इसे लेकर चिंता जताई है और चीन से जानकारी मांगी है। WHO ने कहा है कि अक्टूबर के मध्य से ही चीन में बच्चों में सांस की बीमारी के मामले बढ़े हैं, ये काफी चिंताजनक है। इसे लेकर उन्होंने बीजिंग से डेटा का अनुरोध किया है।
रिपोर्ट के मुताबिक बुधवार को जोधपुर में चिकित्सा अधिकारियों ने एसएन मेडिकल कॉलेज के तीनो प्रमुख अस्पतालों में चिकित्सा व्यवस्थाओं व तैयारियों जांच की, इस दौरान अस्पताल में बेड, जांच, दवा, एंबुलेंस, मानव संसाधन व आवश्यक उपकरणों की मॉनिटरिंग भी की गई. इसके तहत मेडिकल कॉलेज से जुड़े तीनो मुख्य अस्पतालों से लेकर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों तक व्यवस्थाओं की जांच की गई.