जयपुर: राजस्थान विधानसभा में बाबाओं को लेकर कांग्रेस विधायक श्रवण कुमार की टिप्पणी के बाद सत्ता पक्ष और विपक्ष आमने सामने दिख रहे हैं. गुरुवार (25 जुलाई) को सदन में सत्ता पक्ष की ओर से मुख्य सचेतक जोगेश्वर गर्ग और विधायक बालकनाथ ने इस मुद्दे पर श्रवण कुमार से माफी मांगने को कहा. वहीं विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी से विधायक पर कार्रवाई करने की मांग की. हालांकि विधानसभा अध्यक्ष ने बयान के लिए विधायक को चेतावनी दी. लेकिन इसके बाद भी सत्ता पक्ष श्रवण कुमार से माफी मंगवाने पर अड़ा रहा. सत्ता पक्ष का कहना था अगर वह माफी नहीं मांगेंगे तो सदन नहीं चलेगा.
जो बहुत आपत्तिजनक है. ऐसा लगता है कि विपक्ष ने देहात से लेकर दिल्ली तक यह तय कर रखा है कि भारतीय परंपरा सनातन संस्कृति और बहुसंख्यक समाज की भावनाओं को ठेस पहुंचाना और उन पर अनर्गल टिप्पणियां करना एक आदत सी बना ली है. उसी का उदाहरण कल सदन में पेश हुआ. सुरजगढ़ के विधायक श्रवण कुमार ने साधु संतों पर टिप्पणी की अगर इस देश का सबसे ज्यादा भट्ठा किसी ने बिठाया है तो वो बाबाओं ने बैठाया है.
मैं इस पर आपत्ति दर्ज करता हूं. मैं आसन से गुजारिश करता हूं ऐसे सदस्य के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए. माफी मंगवानी चाहिए और इस बयान को विलोपित भी करना चाहिए.
हम सन्यासी वर्ग और सनातन धर्म का सम्मान करते हैं. ये आवेश में कही गई बात हो सकती है. ऐसा नहीं है कि सदन में आवेश में इस तरह से पहली बार बात कही गई है. ऐसा पहले कई बार हुआ है. अगर टिप्पणी अमर्यादित है तो इसे सदन की कार्यवाही से हटाया जाए. उन्होंने यह भी कहा कि यह बात सभी बाबाओं के लिए नहीं थी. बल्कि आसाराम और राम रहीम जैसे बाबा हैं जो आज जेल में हैं.– कांग्रेस वरिष्ठ विधायक राजेंद्र पारीक, सीकर विधायक