ढाका: बांग्लादेश में पुलिस अधिकारी अंतरिम सरकार की तरफ से उनकी ज्यादातर मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिए जाने के बाद हड़ताल खत्म करने पर सहमत हो गए हैं। मीडिया में आई खबरों में इस बारे में जानकारी दी गई है। बांग्लादेश पुलिस अधीनस्थ कर्मचारी संघ (बीपीएसईए) ने नौकरी में विवादित आरक्षण प्रणाली को लेकर शेख हसीना सरकार के खिलाफ व्यापक प्रदर्शनों के दौरान पुलिस तथा विद्यार्थियों के बीच देशभर में हिंसक झड़पों के बाद छह अगस्त को हड़ताल की घोषणा की थी। हिंसा के कारण हसीना की आवामी लीग की अगुवाई वाली सरकार गिर गई थी और हसीना को देश छोड़कर भारत जाना पड़ा था। सरकार गिरने के बाद डर के कारण कई पुलिसकर्मी काम पर नहीं लौटे और कुछ पुलिसकर्मी सादे कपड़ों में अपने थानों में गए थे।
पूरी होंगी मांगें?
‘ढाका ट्रिब्यून’ अखबार ने बताया कि हड़ताल कर रहे पुलिस कर्मियों के प्रतिनिधियों ने अंतरिम सरकार के गृह मामलों के सलाहकार ब्रिगेडियर जनरल (सेवानिवृत्त) एम सखावत हुसैन के साथ रविवार को एक बैठक की और उसके बाद हड़ताल वापस लेने की घोषणा की। उन्होंने बताया कि पुलिस को आश्वासन दिया गया है कि उनकी 11 सूत्री मांगों में से ज्यादातर को स्वीकार कर लिया जाएगा। ‘बीडीन्यूज24 डॉट कॉम’ समाचार पोर्टल ने बताया कि बैठक के आधार पर यह फैसला लिया गया है कि प्रदर्शन कर रहे गैर-कैडर के पुलिसकर्मी सोमवार से काम पर लौटेंगे। खबर में पुलिस महानिरीक्षक द्वारा गठित की गई एक जांच समिति के सदस्य असदुज्जमान ज्वेल के हवाले से कहा गया है, ‘‘गृह मामलों के सलाहकार के साथ हुई बैठक के बाद हमें आश्वासन मिला है और हम सोमवार से अपनी वर्दी पहनेंगे और फिर से काम शुरू करेंगे।’’
‘दोषी को बख्शा नहीं जाएगा’
गृह मामलों के अंतरिम सलाहकार सखावत ने कहा कि जिन लोगों ने अत्यधिक बल प्रयोग का आदेश दिया था उनका शीर्ष नेताओं से संबंध था और किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने कहा कि मामले की जांच की जाएगी। ‘द डेली स्टार’ अखबार ने उनके हवाले से कहा, ‘‘मेरा निजी रूप से मानना है कि एक पुलिस आयोग होना चाहिए। पुलिस आयोग के तहत काम करेगी ना कि किसी राजनीतिक दल के तहत। राजनीतिक दल पुलिस का दुरुपयोग करते हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘जल्द से जल्द पुलिस की वर्दी और ‘लोगो’ बदला जाएगा। उनका मन बहुत आहत है। वो (पुलिस) इस वर्दी के साथ बाहर नहीं जाना चाहते।’’ प्रदर्शनरत पुलिस अधिकारियों ने पुलिस प्रतिष्ठानों पर हमले के लिए जिम्मेदार लोगों को सजा देने की मांग की है। उन्होंने मृतक अधिकारियों के परिवारों के लिए मुआवजा और पुलिस भर्ती में पारदर्शिता समेत कई मांगें भी रखी हैं।
कितने पुलिसकर्मियों की गई जान?
नव नियुक्त पुलिस महानिरीक्षक (आईजीपी) मोहम्मद मैनुल इस्लाम ने कहा था कि हाल की झड़पों में पुलिस बल के कम से कम 42 सदस्य मारे गए हैं और सैकड़ों घायल हुए हैं। उन्होंने बताया कि 500 से अधिक पुलिसकर्मी घायल हुए हैं और उनका अस्पताल में उपचार हुआ है, 24 से अधिक पुलिसकर्मी अब भी इलाज करा रहे हैं।
कितने लोगों की हुई मौत?
बांग्लादेश में पिछले सप्ताह शेख हसीना सरकार के गिरने के बाद हुई हिंसा की घटनाओं में 230 से अधिक लोगों की मौत हो गई है।