संगोष्ठी में कहा – न्यायपालिका लोकतंत्र का मजबूत स्तंभ, कांग्रेस के शासन में हुआ था संविधान का दमन
बीकानेर, 26 जून 2025 — बीकानेर में आपातकाल की 50वीं बरसी पर आयोजित संगोष्ठी कार्यक्रम में पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेत्री स्मृति ईरानी ने शिरकत की। कार्यक्रम में उन्होंने देश के काले अध्याय आपातकाल (1975) को याद करते हुए कांग्रेस पार्टी पर तीखा हमला बोला।

स्मृति ईरानी का जोरदार संबोधन
स्मृति ईरानी ने मंच से बोलते हुए कहा:
“हम एक विकसित भारत की कल्पना कर रहे हैं, और न्यायपालिका इस कल्पना का एक मजबूत स्तंभ है। संविधान सिर्फ एक किताब नहीं, जीवन जीने का आधार है। लेकिन 1975 में जब आपातकाल थोपा गया, तब कांग्रेस सरकार ने न केवल इस आधार को कुचला, बल्कि नागरिकों के मौलिक अधिकारों को भी छीन लिया।”
उन्होंने उस दौर की घटनाओं का ज़िक्र करते हुए बताया कि कांग्रेस सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में यह पक्ष रखा कि:
“अगर किसी को गोली लगती है तो उसे गोली मारने का अधिकार है, यानी कानून का नहीं, सत्ता का राज था।”
🔴 जयप्रकाश नारायण का ज़िक्र
पूर्व मंत्री ने कहा:
“जयप्रकाश नारायण जी, जिन्होंने लोकतंत्र की रक्षा के लिए अपनी जान तक दांव पर लगाई, उन्हें भी नहीं बख्शा गया। उनकी किडनी खराब हुई, लेकिन समय पर इलाज नहीं मिला और वे चल बसे। आज भी देश में ‘जेपी’ के नाम पर नारे लगते हैं, लेकिन उनकी पीड़ा को बहुत कम लोग समझते हैं।”
स्मृति ईरानी ने कहा कि यह कोई इतिहास नहीं, बल्कि चेतावनी है — अगर लोकतंत्र को हल्के में लिया गया तो फिर से वही तानाशाही लौट सकती है।
कांग्रेस पर करारा प्रहार
“कांग्रेस की क्रूरता के सामने हमने कभी घुटने नहीं टेके। जेलों में डाला गया, यातनाएं दी गईं, मगर भारत की आत्मा नहीं टूटी। यह समय है कि युवा उस इतिहास से सबक लें और लोकतंत्र की रक्षा के लिए हमेशा सजग रहें।”
कार्यक्रम में शहर के बुद्धिजीवी, राजनीतिक कार्यकर्ता और बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे आपातकाल के दौरान की घटनाओं पर डॉक्यूमेंट्री और फोटो प्रदर्शनी लगाई गई वक्ताओं ने लोकतंत्र, संविधान और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर अपने विचार रखे