जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के साथ हुआ सिंधु जल समझौता स्थगित कर दिया है. इस फैसले से उत्तर भारत के कई राज्यों सहित राजस्थान के भी सूखाग्रस्त इलाकों के लिए नई उम्मीद जगी है.
हरिके बैराज पंजाब में रावी और सतलुज का संगम है. यहीं से इंदिरा गांधी नहर (IGNP) निकलती है, जो बाड़मेर, जैसलमेर, बीकानेर, श्रीगंगानगर तक जाती है. राजस्थान सरकार की मंशा है कि अब ओवरफ्लो होकर पाकिस्तान जा रहा पानी हरिके से डायवर्ट हो और इंदिरा गांधी नहर से सूखे इलाकों में पहुंचे.
असल में हर साल बारिश में पंजाब से 6 हजार क्यूसेक पानी पाकिस्तान चला जाता है. अगर IGNP की क्षमता बढ़े और फीडर नहरें दुरुस्त हों तो ये पानी राजस्थान लाया जा सकता है. फिलहाल IGNP की क्षमता 11,500 क्यूसेक है, जिसे बढ़ाकर 18,500 क्यूसेक किया जा रहा है.
केंद्र और राज्य सरकार ने IGNP के सुधार और विस्तार के लिए 79,000 करोड़ की स्वीकृति दी है. इससे सीकर, झुंझुनूं जैसे इलाकों को भी 1,100 क्यूसेक पानी मिलने की उम्मीद है. दूसरी ओर पंजाब सरकार हरिके बैराज के समानांतर 151 किमी लंबा नया कैनाल बना रही है, जिसकी क्षमता 6,000 क्यूसेक होगी. इससे हरियाणा और राजस्थान के हिस्से में पानी लाना आसान होगा. अगर ऐसा होता है तो जैसलमेर, बाड़मेर, बीकानेर जैसे रेगिस्तानी जिलों में सिंचाई और पीने के पानी की समस्या हल होगी. शेखावाटी के लिए पानी की लाइन बिछाई जा सकेगी.