नई दिल्ली/चंडीगढ : भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व सांसद कुलदीप बिश्नोई के नेतृत्व में बिश्नोई समाज के प्रतिनिधिमंडल ने विभिन्न विषयों को लेकर आज गृहमंत्री अमित शाह से उनके नई दिल्ली आवास पर मुलाकात की तथा उनको एक मांग पत्र सौंपा। मांग पत्र में मुख्य रूप से बिश्नोई समाज को केन्द्र में ओबीसी आरक्षण के मामले में केन्द्र ग्रह मंत्री को अब तक अपडेट बताई और आगे की कार्यवाही जल्दी करवाने का अनुरोध किया। जोधपुर एयर पोर्ट का नाम विश्व के एक मात्र वृक्ष रक्षार्थ शहीद माँ अमृता देवी बिश्नोई के नाम करवाने की बात मज़बूती से रखी। सोलर कंपनीयो द्वारा खेजड़ी पेड़ कटाई के मामले में श्री आदरणीय अमित शाह ने पूरी बात सुनकर प्रतिनिधि मंडल को आश्वासन दिया है कि सोलर तो लगेगा पर क़ानून जल्द बना कर आपको दूगा, उन पर विश्वास करो। प्रतिनिधिमंडल ने खेजड़ली को विश्व धरोहर बनाने की बात भी मज़बूती से रखी।

प्रतिनिधि मंडल में स्वामी राजेंद्रनद जी महंत हरिद्वार, विधायक फलोदी पबाराम बिश्नोई, पूर्व विधायक दुडाराम, पूर्व विधायक भव्य बिश्नोई पूर्व विधायक हीरालाल, पूर्व विधायक रेणुका बिश्नोई, पूर्व विधायक मलख़ान बिश्नोई, सुभाष देहदु वरिष्ठ उपाध्यक्ष, महासभा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष रामसरूप मांझू पप्पूराम डारा, गंगा बिश्न भादु, छोटू राम भादु, गायत्री बिश्नोई, बलदेव खोखर, ओपी धायल शिवराज जाखड़, अनूप जी खोखर मौजूद थे।
गृहमंत्री को सौंपे गए ज्ञापन में कहा गया है कि केन्द्र सरकार तो ऊर्जा के स्वच्छ एवं सस्ते विकल्प के रूप में सोलर एनर्जी को बढ़ावा दे रही है, जो कि बहुत ही अच्छा प्रयास है, परंतु राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश सहित देश के विभिन्न क्षेत्रों में कई निजी सोलर कपंनियां अंधाधुंध खेजड़ी सहित हरे-भरे वृक्षों की कटाई कर रही है, जिससे आने वाले समय में पर्यावरण पर खतरा मंडराना स्वाभाविक है। वृक्षों की कटाई से पर्यावरण को नुकसान तो हो ही रहा है, साथ ही स्थानीय पक्षियों और वन्यजीवों का आवास भी खत्म हो रहा है। पेड़ों की कटाई से जैव विविधता भी खतरे में आ रही है। जीव रक्षा संस्थान और बड़ी सं या में पर्यावरण पे्रमी सोलर कंपनियों द्वारा मनमाने ढंग से की जा रही पेड़ों की कटाई के खिला$फ लगातार आंदोलनरत हैं।
खेजड़ी का पेड़ राजस्थान का राज्य वृक्ष है और बिश्नोई समुदाय के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। खेजड़ली गांव में 1730 में खेजड़ी के पेड़ों को बचाने के लिए मां अमृता देवी सहित 363 बिश्नोई समाज के लोगों ने अपने जीवन का बलिदान दिया था। पूरे विश्व में यह घटना पर्यावरण संरक्षण के लिए एक महत्वपूर्ण प्रतीक है। महोदय, इसीलिए बिश्नोई समाज के लिए खेजड़ी का वृक्ष पूजनीय भी है। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने एक सोलर कंपनी को काटे गए पेड़ों की सं या से 10 गुणा ज्य़ादा पेड़ लगाने का निर्देश दिया है, लेकिन अभी तक कंपनियां यह नियम लागू नहीं कर पाई हैं। राजस्थान काश्तकारी अधिनियम 1955 के मुताबिक पेड़ों की अवैध कटाई पर जुर्माना लगाने का भी प्रावधान है। समस्त पर्यावरण एवं जीव पे्रमियों की मांगों को देखते हुए मेरा आपसे अनुरोध है कि पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखते हुए सोलर कंपनियों को सोलर लगाने की अनुमति दी जाए। ऐसा प्रावधान किया जाए कि बंजर भूमि पर ही सोलर प्लांट लगाए जाएं।

ज्ञापन में मांग की गई है कि वर्तमान में जोधपुर एयरपोर्ट का नाम किसी महान विभूति के नाम से नहीं है। सन् 1730 में राजस्थान के रेगिस्तान में खेजड़ी के जीवनदायिनी पेड़ को बचाने के लिए ‘अमृता देवी’ के साथ ही 363 बिश्नोई समाज के लोगों ने अपने प्राणों की आहुति दे दी थी। प्रकृति संरक्षण के महान बलिदान पर ‘अमृता देवी’ एवं 363 बिश्नोईयों के प्रति न केवल बिश्नोई, बल्कि समूचे हिंदू समाज में विशेष आदर है। इसलिए बिश्नोई समाज के साथ-साथ अन्य समाजों की भी पिछले लंबे समय से यह मांग है कि जोधपुर एयरपोर्ट का नाम ‘अमृता देवी’ के नाम पर रखा जाए, इससे पर्यावरण संरक्षण के प्रति जहां लोग और ज्यादा जागरूक होंगे, वहीं बिश्नोई समाज सदैव आपका एहसानमंद रहेगा। इसके अतिरिक्त खेजड़ली धाम को राष्ट्रीय धरोहर घोषित किया जाए, क्योंकि पर्यावरण सरंक्षण के लिए ऐसी कुर्बानी विश्व में कहीं ओर देखने को नहीं मिलेगी।

प्रतिनिधि मंडल ने मांग की हे कि बिश्नोई समाज जो कि देश के राजस्थान, हरियाणा, पंजाब, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश सहित अन्य क्षेत्रों में निवास करता है। बिश्नोई समाज देश के ज्यादातर ऐसे क्षेत्रों में निवास करता है, जो मु यत: कृषि आधारित कार्यों पर निर्भर है। उनके जीवन यापन के लिए कृषि व पशुपालन ही मुख्य स्त्रोत हैं। बिश्नोई समाज की आर्थिक स्थिति को देखते हुए तथा समाज को मु यधारा में लाने के लिए बिश्नोई समाज राजस्थान सहित कई प्रदेशों में पिछड़ा वर्ग सूची में शामिल है। बिश्नोई समाज के लोग जोर-शोर से बिश्नोई समाज को केन्द्रीय स्तर पर ओबीसी में शामिल करने की मांग उठा रहे हैं। उनसे अनुरोध किया गया है कि बिश्नोई समाज को केन्द्रीय स्तर पर पिछड़ा वर्ग सूची में शामिल किया जाए, ताकि बिश्नोई समाज भी देश की आर्थिक व सामाजिक प्रगति में अपना योगदान दे सके। राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग ने बिश्नोई जाति को पिछड़ा वर्ग सूची में शामिल/अनुमोदन किया हुआ है।