मनचलों को सरकारी नौकरी से वंचित करने के लिए गहलोत सरकार ने बड़ा कदम उठाते हुए पुलिस सत्यापन के नियमों में बदलाव कर दिया है। नए नियम के तहत जिनके खिलाफ छेड़छाड़ की एफआईआर दर्ज है, जांच चल रही है या कोर्ट के आदेश पर सजा मिल चुकी है, ऐसे लोगों के पुलिस सत्यापन में उनके चरित्र का उल्लेख किया जाएगा।
इसी सत्यापन के आधार पर सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि छेड़छाड़ करने वाले लोग सरकारी नौकरी नहीं पा सकें। गृह विभाग के प्रमुख सचिव आनंद कुमार ने मंगलवार देर रात इस संबंध में एक आदेश भी जारी कर दिया।
मनचलों का रिकॉर्ड पुलिस थाने में रखा जाए
आदेश के मुताबिक- राज्य में चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति दिए जाने से पूर्व पुलिस की ओर से चरित्र सत्यापन के प्रावधान है। ऐसे उम्मीदवारों को नियुक्ति का पात्र नहीं माना जाएगा है, जिस पर महिला हिंसा, हत्या, धोखाधड़ी, रेप, किसी महिला की लज्जा भंग करने के अपराध में शामिल होने के मामले पुलिस और कोर्ट में विचाराधीन हो या फिर उस पर दोष सिद्ध हो गया हो।
आदेश में पुलिस अधिकारियों से कहा गया है कि नाबालिग लड़कियों और महिलाओं से छेड़छाड़, रेप के प्रयास, रेप के आरोपियों और मनचलों के खिलाफ केस दर्ज करना आवश्यक है। इन लोगों का रिकॉर्ड पुलिस थाने में रखा जाए, ताकि ऐसे व्यक्तियों के चरित्र को पुलिस वेरिफिकेशन में मार्क किया जा सके।
राज्य के सभी पुलिस थानों में ऐसे व्यक्तियों का रिकॉर्ड रखा जाए, जिनके खिलाफ लड़कियों एवं महिलाओं से छेड़छाड़, रेप का प्रयास या रेप के आरोप हों। ऐसे व्यक्तियों का राज्य सेवा के लिए या अन्य किसी कारण से चरित्र/पुलिस सत्यापन में उस रिकॉर्ड के आधार पर चरित्र को अंकित किया जाए।
गहलोत ने महिला सुरक्षा को लेकर कुछ दिनों पहले घोषणा की थी कि मनचलों को सरकारी नौकरी नहीं मिलेगी। इस तरह के बदमाशों को चिह्नित कर पुलिस उनकी फोटो थाने में लगाएगी, साथ ही ऐसे लोगों का रिकॉर्ड RPSC और सरकारी नौकरी लगाने वाली सभी एजेंसियों को भेजा जाएगा। सीएम घोषणा के मद्देनजर पुलिस सत्यापन में छेड़छाड़ को भी बड़ा अपराध माना गया है।
महिलाओं की सुरक्षा के लिए चलाया विशेष अभियान
पुलिस मुख्यालय के आदेश पर छेड़छाड़ की घटनाओं को लेकर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। घटना की जानकारी मिलने के बाद पुलिस तत्काल एक्शन ले रही हैं। छेड़छाड़ की घटना में पुलिस को तत्काल एफआईआर दर्ज करने और आरोपी को पकड़ने के निर्देश दिए गए हैं। पिछले 10 दिन में राजस्थान पुलिस ऐसे करीब 30 से ज्यादा मनचलों को गिरफ्तार कर उनका नाम सरकारी रिकॉर्ड में लिख चुकी हैं। जब भी ये लोग किसी भी विषय को लेकर पुलिस सत्यापन कराएंगे तो उसमें लिखा जाएगा कि ये लोग छेड़छाड़ की घटनाओं में पुलिस द्वारा पकड़े जा चुके हैं। छेड़छाड़ करने वाले लोगों को पुलिस रिकॉर्ड में एक अपराधी की तरह देखा जाएगा।
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राजस्थान में अगर किसी मनचले ने तीन या उससे ज्यादा बार छेड़खानी की तो कैरेक्टर सर्टिफिकेट में बदनुमा दाग लग जाएगा। पुलिस ऐसे मनचलों के कैरेक्टर सर्टिफिकेट में स्पेशल नोट डालेगी, जो आपका करियर बर्बाद कर सकता है। इतना ही नहीं हिस्ट्रीशीटर की तरह मनचलों का रिकॉर्ड और फोटो थानों में रखा जाएगा। (पूरी खबर पढ़िए)
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सुनसान गलियां ही नहीं, स्कूल-कॉलेज, शॉपिंग मॉल जैसे पब्लिक एरिया में भी बच्चियां-महिलाएं छेड़छाड़ का शिकार हो रही हैं। इसी को रोकने के लिए तैनात की गई है नीली वर्दी में 50 महिला बाइकर्स की टीम। पिछले 10 दिन में 260 बदमाशों को पकड़ चुकी टीम ने कई ऐसी बच्चियों को मुसीबत से बाहर निकाला है जो मनचलों से परेशान हो सुसाइड करने वाली थीं।