जयपुर: प्राइवेट स्कूलों की मनमर्जी और लगातार बढ़ती फीस से अभिभावकों की चिंता बढ़ गई हैं. एक बार फिर से फीस बढ़ोतरी की संभावना को लेकर अभिभावक परेशान हैं. कोचिंग (Coaching) पर नकेल कसने के लिए पेश बिल के बाद अब प्राइवेट स्कूलों पर नियंत्रण के लिए कदम उठाने की मांग की जा रही है. अभिभावकों का कहना है कि इस दिशा में भी सरकार को कड़ा कदम उठाना चाहिए. चिंता इसलिए भी बढ़ गई है क्योंकि अगले महीने से निजी स्कूलों में विद्यार्थियों का प्रवेश शुरू हो जाएगा. अप्रैल में नया सत्र शुरू होने के साथ ही निजी स्कूलों की फीस में भी बढ़ोतरी की संभावनाएं हैं.
जानकारी के अनुसार, जयपुर के निजी स्कूलों में इस बार 20 फीसदी तक फीस में होगी. ऐसी ही चिंता सीकर में भी नजर आ रही है. हालांकि राज्य में फीस एक्ट लागू है, जिसकी मॉनिटरिंग के लिए 2017 में कमेटियां भी बनाई गई. लेकिन कमेटियों की ओर से समय-समय पर होने वाली फीस बढ़ोतरी पर मॉनिटरिंग नहीं हो रही है. इसके चलते प्राइवेट स्कूलों को मनमाने करने का मौका मिल जाता है.
चर्चा के दौरान अभिभावकों ने कहा कि एक तो महंगाई चरम सीमा पर पहुंच चुकी है. दूसरी ओर, लगातार प्राइवेट स्कूलों की ओर से बच्चों की फीस का बोझ भी बढ़ता जा रहा है. इसका असर आम आदमी के बजट पर पड़ा है, जो बिगड़ता जा रहा है. उनका कहना है, “अब एक बार फिर से प्राइवेट स्कूलों की ओर से मनमाने तरीके से फीस में इजाफा होगा तो मुश्किल बढ़ जाएगी. ऐसे में सरकार को प्राइवेट स्कूलों की ओर से की जाने वाली फीस बढ़ोतरी को रोकने के लिए नियमों बनाने चाहिए.”