राजस्थान विधानसभा की दूसरे दिन भी हंगामेदार शुरुआत हुई. जय श्रीराम के नारों के बाद राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के मुखिया और खींवसर से विधायक हनुमान बेनीवाल (Hanuman Beniwal) ने पेपर लीक का मुद्दा उठाया और सदन में पूछा कि क्या सरकार पेपर लीक से जुड़े मुद्दों की जांच SIT से कराने की मंशा रखती है? ताकि पर्दे के पीछे बैठे असली गुनहेगार मगरमच्छोंं के नाम भी उजागर हो सकें और उन पर कार्रवाई की जा सके. यदि हां, तो कब तक? और यदि ना, तो क्यों बीजेपी ने चुनाव के वक्त पेपर लीक की जांच CBI से कराने की बात कही थी.
इस पर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह ने जवाब देते हुए कहा, ’15 दिसंबर को भजनलाल शर्मा ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली और 16 दिसंबर को SIT गठित की गई. पिछले 3 सालों में 20 पेपर लीक हुए. लेकिन जब से हमारी सरकार आई है, राजस्थान में दो पेपर हुए हैं और उनमें कोई लीक नहीं है. 33 से 32 मामलों पर FIR और चार्जशीट दर्ज हो चुकी है. 1 पर हाई कोर्ट ने स्टे दे रखा है. 615 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है. कुल 50 सरकारी अधिकारियों की भी गिरफ्तारी की गई है, जिनमें ज्यादातर टीचर्स शामिल हैं. 11 टीचर्स को पद से भी हटाया गया है. SIT का गठन 1 महीने पहले ही हुआ है. SOG और SIT पेपर लीक मामले की जांच कर रही है. उनकी जांच रिपोर्ट के आधार पर अगर उचित समझा जाएगा तो CBI जांच की कार्रवाई करवाई जाएगी.’
इस जवाब के बाद हनुमान बेनीवाल ने पेपर लीक पर ही दूसरा सवाल पूछ लिया. बेनीवाल ने पूछा, ‘पिछली बार माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष, आरपीसी चैयरमेन, राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड के अध्यक्ष, डीपी जारौली और आला ब्यूरोक्रेट पूर्व मंत्री व मुख्यमंत्री के नजदीकी अफसरोंं पर आरोप लगे थे. इनमें से कितने लोगों से SIT ने पूछताछ की है?’
बेनीवाल के सवाल का जवाब देते हुए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह ने कहा, ‘SIT के चीफ CBI में रह चुके हैं. यदि माननीय सदस्य को कोई खास मामले की जांच का डेटा चाहिए तो आज ही SIT के साथ उनकी मीटिंग करा दी जाएगी. आप खुद ही उनसे डिस्कस कर सकते हैं.’
‘डोटासरा ने पूछे सवाल’
इसके बाद कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने विधानसभा में सवाल पूछना शुरू किया. उन्होंने कहा कि बीजेपी ने कुछ देर पहले 20 पेपर लीक का जो आंकड़ा सदन में बताया है, वो साफ करे इनमें से कितने गहलोत सरकार में हुए, और कितने वसुंधरा राजे सरकार में हुए. बीजेपी ये भी बताए कि 33 में से जिस एक मामले में चालान पेश नहीं हुआ है, उसकी क्या वजह है? इसके बाद सदन में भारी हंगामा होने लगा. स्पीकर अपनी कुर्सी से खड़े होकर सदन के सदस्यों को नीचे बैठने के लिए बोलते रहे, लेकिन कॉफी देर तक हंगामा होता रहा.