कोलकाता के एक अस्पताल में ट्रेनी डॉक्टर के साथ हुई वीभत्स दुष्कर्म और हत्या के मामले की जांच सीबीआई अपने तरीके से कर रही है। महिला डॉक्टर से रेप और हत्या के आरोपी संजय रॉय का सीबीआई ने साइकोलॉजी टेस्ट शुरू किया है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक सीबीआई के सीएफएसएल के पांच एक्सपर्ट की टीम संजय रॉय का साइकोलॉजिकल टेस्ट कर रही है। इसके बाद बड़ा सवाल ये है कि तो क्या सीबीआई के साइकोलॉजिकल टेस्ट से अस्पताल के सेमिनार हॉल के उस 35 मिनट का राज खुल जाएगा। क्या संजय रॉय उगलेगा साइकोलॉजिकल टेस्ट से उस खूनी वारदात का पूरा सच?
क्या होता है सीबीआई का साइकोलॉजिकल टेस्ट
दरअसल इस टेस्ट को साइकोलॉजीकल ऑटोप्सी यानी कf अपराधी के दिमाग का साइकोलॉजिकल पोस्टमार्टम करना कहते हैं। इसके लिए पांच डॉक्टरों की सीबीआई की सीएफएसएल की टीम कल कोलकाता पहुंची है, टीम आरोपी संजय रॉय से इस शर्मनाक घटना से जुड़े कुछ सवाल करेगी, जिसके लिए बाकायदा सवालों की एक फेहरिस्त तैयार की गई है। इस टेस्ट में संजय रॉय के दिमाग का अध्ययन या यूं कहें कि उसके दिमाग का मनोवैज्ञानिक तरीके से पोस्टमार्टम किया।
इस टेस्ट के लिए सीबीआई को किसी तरह से कोर्ट की परमिशन की जरूरत नहीं पड़ती है। इस टेस्ट के जरिए और इस टेस्ट के निष्कर्ष के बाद कोर्ट से परमिशन के बाद आरोपी का जरूरत के हिसाब से ब्रेन मैपिंग, लाई डिडेक्टर, नार्को टेस्ट करवाया जा सकता है।