प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को भारत-आसियान व्यापक साझेदारी को मजबूत करने के लिए 10 सूत्री योजना की घोषणा की और कहा कि क्षेत्रीय समूह के साथ संबंध एशिया के भविष्य को दिशा देने के लिए महत्वपूर्ण हैं। 21वें भारत-आसियान शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पिछले दशक में भारत-आसियान व्यापार दोगुना होकर 130 बिलियन डॉलर से अधिक हो गया है।
‘एशिया की है 21वीं सदी’
प्रधानमंत्री मोदी ने आसियान देशों के नेताओं को संबोधित करते हुए कहा, “मेरा मानना है कि 21वीं सदी – एशियाई सदी – भारत और आसियान देशों की सदी है।” आसियान देशों में मलेशिया, थाईलैंड, ब्रुनेई, कंबोडिया, इंडोनेशिया, म्यांमार, फिलीपींस, वियतनाम, लाओस और सिंगापुर शामिल हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत अपनी एक्ट ईस्ट नीति की 10वीं वर्षगांठ मना रहा है, जिसने भारत और आसियान देशों के बीच ऐतिहासिक संबंधों को नई ऊर्जा, दिशा और गति दी है। शिखर सम्मेलन के बाद एक्स पर एक पोस्ट में उन्होंने कहा, “भारत-आसियान शिखर सम्मेलन बेहद प्रोडक्टिव रहा। हमने इस बात पर चर्चा की कि भारत और आसियान के बीच व्यापक रणनीतिक साझेदारी को और कैसे मजबूत किया जाए। हम व्यापार संबंधों, सांस्कृतिक संबंधों, प्रौद्योगिकी, कनेक्टिविटी और ऐसे अन्य क्षेत्रों में सहयोग को गहरा करने के लिए तत्पर हैं।”