भारतीय सिनेमा के महान अभिनेता धर्मेंद्र का राजस्थान से हमेशा एक गहरा और विशेष संबंध रहा है। उनकी कई सुपरहिट फिल्मों की शूटिंग राजस्थान की खूबसूरत लोकेशनों पर हुई, जिसने इन फिल्मों को एक अलग ही पहचान दी। ‘गुलामी’, ‘बंटवारा’ और ‘मेरा गांव मेरा देश’ जैसी लोकप्रिय फिल्मों के अहम दृश्य जयपुर और शेखावाटी के आसपास स्थित ग्रामीण इलाकों में फिल्माए गए थे। जयपुर जिले के महार कला, समोद, रडवास और अमरसर जैसे गांवों ने इन फिल्मों की कहानी को विशेष प्रामाणिकता दी। आज भी इन फिल्मों में राजस्थान के ग्रामीण परिदृश्य की झलक दर्शकों को साफ दिखाई देती है।

धर्मेंद्र की कई फिल्मों के एक्शन और आउटडोर सीन्स राजस्थान के रेगिस्तानी इलाकों में फिल्माए गए, जिसने फिल्मों को शानदार विजुअल अपील दी। 1961 में रिलीज़ हुई फिल्म ‘बड़ा आदमी’ की शूटिंग भी जयपुर जंक्शन पर की गई थी। वहीं ‘धर्मवीर’ फिल्म के महत्वपूर्ण दृश्य जयपुर और जोधपुर के ऐतिहासिक किलों में फिल्माए गए थे। इसके अलावा ‘बागी’, ‘लोहा’ और ‘फूल और पत्थर’ जैसी फिल्मों की शूटिंग भी राजस्थान में हुई, जिसने प्रदेश को बॉलीवुड के लिए पसंदीदा शूटिंग स्थल के रूप में स्थापित किया।

धर्मेंद्र को राजस्थान में फिल्म और संस्कृति से जुड़े कई सम्मानों से नवाज़ा गया। उन्हें राजस्थान इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में लाइफ टाइम अचीवमेंट अवॉर्ड भी प्रदान किया गया था। उनकी लोकप्रियता का एक और रोचक पहलू जयपुर के मशहूर राज मंदिर सिनेमा से जुड़ा है। इस प्रतिष्ठित सिनेमा हॉल के उद्घाटन के बाद पहली फिल्म के रूप में धर्मेंद्र की ‘चरस’ को प्रदर्शित किया गया, जिसने बेहतरीन सफलता हासिल की।
धर्मेंद्र के निधन के साथ भारतीय सिनेमा ने एक सादगीभरे, मजबूत और दिलों में बस जाने वाले कलाकार को खो दिया है। उनकी अदाकारी, व्यक्तित्व और राजस्थान से जुड़ी यादें लंबे समय तक लोगों के मन में जीवित रहेंगी।
