किशोर कुमार जितना अपने टैलेंट के लिए जाने जाते थे, उनकी निजी जिंदगी के किस्से भी उतने ही ज्यादा दिलचस्प हैं। एक्टिंग और सिंगिंग में अपने लाजवाब अंदाज के लिए पहचाने जाने वाले किशोर दा तब तक कोई काम नहीं किया करते थे, जब तक कि उन्हें पैसा न मिल जाएं।
अगर किसी ने आधा पैसा दिया तो वे काम भी आधा ही छोड़ दिया करते थे। उनके इस अक्खड़ स्वभाव के कारण कई फिल्म निर्माता उनके साथ काम करने में हिचकिचाते थे। ज्यादा लोग मिलने घर न आएं इसलिए सबको डराने के लिए घर में हड्डियां और खोपड़ी लगवाई थीं। किशोर कुमार 13 अक्टूबर 1987 को दुनिया को अलविदा कह गए थे। इसी दिन वो पत्नी के सामने मरने की एक्टिंग कर रहे थे और सच में उनकी मौत हो गई। आज उनकी 36वीं डेथ एनिवर्सरी है।
किशोर कुमार का जन्म 4 अगस्त, 1929 को मध्यप्रदेश के खंडवा में हुआ। बचपन में उनका नाम आभास कुमार गांगुली था, लेकिन बाद में उन्होंने अपना नाम बदलकर किशोर कुमार रख लिया।
हम आपको बताने जा रहे हैं उनकी जिंदगी के कुछ दिलचस्प किस्से और फैक्ट्स…
राजेश खन्ना को घर बुलाकर लिया इंटरव्यू
फिल्म आराधना राजेश खन्ना के लिए पहला बड़ा ब्रेक था। फिल्म के संगीत पर काम चल रहा था। एस.डी. बर्मन फिल्म के संगीतकार थे और उनके ही बेटे आर.डी. बर्मन असिस्टेंट म्यूजिक डायरेक्टर थे। तय हुआ राजेश खन्ना का एंट्री सॉन्ग किशोर कुमार से गवाया जाए। एस.डी. बर्मन और शक्ति सामंत ने किशोर कुमार से बात की। धुन सुनाई।
किशोर कुमार ने 92 फिल्मों में राजेश खन्ना पर फिल्माए 245 गाने गाए थे।
किशोर दा अपनी अजीब शर्तों के लिए जाने जाते थे। उन्हें जब पता चला कि फिल्म में कोई नया हीरो है तो वे अड़ गए। किशोर दा ने एस.डी.बर्मन से कहा – गाना तो तभी गाऊंगा जब हीरो को देख लूंगा, उससे बात कर लूंगा। बर्मन दा ने कहा – ऐसा क्यों? किशोर दा ने जवाब दिया – मैं नहीं चाहता मैं किसी भी ऐरे-गेरे एक्टर के लिए गाता फिरूं। मामला उलझ गया।
किशोर दा बड़े स्टार थे तो उनका कहा टाला नहीं जा सकता था। तय किया गया राजेश को इंटरव्यू के लिए किशोर दा के पास भेजा जाए। शक्ति सामंत और बर्मन दा ने राजेश खन्ना को समझा-बुझाकर किशोर दा के घर भेज दिया। अब राजेश खन्ना और किशोर कुमार पहली बार आमने-सामने थे। आधा घंटा बीत गया। घबराहट के कारण राजेश खन्ना का गला सूख रहा था और किशोर दा ने उनसे पानी तक का नहीं पूछा।
इधर-उधर की बातें होती रहीं। किशोर दा राजेश को सिर से पैर तक देखते रहे। फिर एकदम किशोर दा की तरफ से सवाल आया – फिल्में क्यों करना चाहते हो? दो पल को राजेश अवाक रह गए। ये कैसा सवाल है। घबराए राजेश खन्ना ने जवाब दिया – जी, मैं लोगों की सेवा करना चाहता हूं। किशोर दा बोले -फिल्मों में काम करके कैसी सेवा? राजेश खन्ना ने कहा – फिल्मों में काम करके मैं लोगों का मनोरंजन करूंगा। मनोरंजन करना भी एक तरह की सेवा ही है।
राजेश के स्मार्ट जवाब से किशोर दा खुश हो गए। नौकर को आवाज दी। राजेश के लिए चाय-नाश्ता लाओ। किशोर दा ने कहा – तुमने बहुत अच्छी बात कही। मैं तुम्हारे लिए गाऊंगा। कई गाने गाऊंगा। और इस इंटरव्यू के बाद रिकॉर्ड हुआ आराधना का पहला गाना ‘मेरे सपनों की रानी कब आएगी तू…’ जिसने पूरे देश में धूम मचाई और राजेश खन्ना को हीरो से स्टार बना दिया।
जिंगल गाने से मना किया तो बैन हुए किशोर कुमार के गाने
इमरजेंसी के दौरान किशोर कुमार के गानों को आकाशवाणी पर बैन कर दिया गया था। रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की तरफ से किशोर कुमार को फोन किया गया था और कहा था कि वो इंदिरा गांधी के एक प्रोग्राम के लिए जिंगल को अपनी आवाज दें। किशोर कुमार ने ऐसा करने से मना कर दिया था। उन्होंने मंत्री से कहा कि वो दिल की बीमारी से परेशान चल रहे हैं और डॉक्टर ने उन्हें आराम करने ही सलाह दी है। किशोर कुमार के इस कदम से सरकार ने उनके सभी गानों को ऑल इंडिया रेडियो और दूरदर्शन पर बैन कर दिया था।
आधा पैसा-आधा काम
एक बार की बात है किशोर कुमार किसी फिल्म की शूटिंग कर रहे थे और प्रोड्यूसर ने उन्हें आधे ही पैसे दिए थे। कहते हैं कि इससे चिढ़कर किशोर दा आधा मेकअप करके ही शूटिंग सेट पर आ गए। जब डायरेक्टर ने उनसे पूरा मेक-अप करने के लिए कहा तो उन्होंने कहा कि ‘आधा पैसा, आधा काम। पूरा पैसा, पूरा काम’।
प्रोड्यूसर से बोले- हे तलवार, दे दे मेरे आठ हजार
किशोर कुमार की जिंदगी का एक मजेदार किस्सा फिल्म प्रोड्यूसर आर.सी.तलवार से जुड़ा हुआ है। एक बार वे उनके साथ काम कर रहे थे, लेकिन आर.सी तलवार ने उन्हें आधे पैसे दिए। फिर क्या किशोर दा तो थे ही अपने उसूल के पक्के, वे रोज सुबह तलवार लेकर प्रोड्यूसर के घर के सामने पहुंच जाते थे और जोर-जोर से चिल्लाने लगते थे, “हे तलवार, दे दे मेरे आठ हजार… हे तलवार, दे दे मेरे आठ हजार…।
किशोर कुमार ने अपने कैंटीन वाले से 5 रुपए 75 पैसे लिए थे, इसी बात से प्रेरित होकर उन्होंने पांच रुपैया बारह आना गाना बनाया था।
घर में लगवा रखी थीं खोपड़ी और हड्डियां
किशोर दा को लाइमलाइट में रहना और मीडिया अटेंशन पाना बिलकुल पसंद नहीं था। वह एकांत में समय बिताना पसंद करते थे और इंटरव्यू देने से नफरत करते थे। लोग उनसे मिलने कम आएं, इसलिए उन्होंने अपने घर के लिविंग रूम में खोपड़ी और हड्डियां लगवा ली थीं। साथ ही कमरे में रेड लाइट लगा रखी थी। खास बात यह है कि खुद किशोर हॉरर फिल्में देखने से डरते थे।
किशोर कुमार ने चार शादियां की थीं। रूमा गुहा, मधुबाला, योगिता बाली और लीना चंदावरकर उनकी पत्नियां रह चुकी हैं। (तस्वीर में लीना चंदावरकर के साथ किशोर दा)
मौत के दिन पत्नी को डराने के लिए कर रहे थे मरने की एक्टिंग
किशोर दा की मौत के दिन उनकी पत्नी लीना चंदावरकर घर पर ही थीं। 13 अक्टूबर की सुबह जब वो उन्हें उठाने गईं, तो देखा चेहरे का रंग उतरा हुआ था। वो घबराकर जैसे ही पास पहुंचीं तो किशोर दा ने तुरंत आंखें खोलीं और कहा- क्या तुम डर गईं। आज मेरी छुट्टी है। किशोर कुमार जानबूझकर पत्नी को डराने के लिए सांस रोककर लेटे थे।
उस दिन उनकी कई मीटिंग्स थीं, जो घर पर ही होने वाली थीं। लंच करते हुए उन्होंने पत्नी से कहा- आज मैं फिल्म ‘रिवर ऑफ नो रिटर्न’ देखूंगा। कुछ समय बाद पत्नी लीना ने सुना कि किशोर दा दूसरे कमरे में कुछ फर्नीचर खिसकाकर उनकी जगह बदल रहे हैं। जब वो देखने पहुंचीं तो वो बिस्तर पर गिरे हुए थे। लीना को देखकर उन्होंने कहा- मुझे बहुत कमजोरी लग रही है। लीना डॉक्टर बुलाने के लिए जैसे ही भागते हुए टेलीफोन के करीब गईं तो उन्होंने गुस्से में रोक दिया और कहा, अगर तुम डॉक्टर को बुलाओगी तो मुझे हार्ट अटैक आ जाएगा। लीना को लगा कि वो मजाक कर रहे हैं, लेकिन कुछ पलों बाद ही उनके दिल की धड़कनें रुक गईं।